अफवाहों और #हकीकत को पहचानिए
कोरोना की अफ़वाहों से बचे
अमित तिवारी/भायंदर
मूर्खो_की_भीड़_का_हिस्सा_बनने के
बजाय
*घर मे प्राणायाम करिये*
आज जिस तरह से #मीरा_भाईंदर_में_अफवाहें_फैली तो लिखना जरूरी हो गया.
#क्वॉराटाइन्स और #आइसोलेशन अलग चीज है.
क्वॉराटाइन्स में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को एक अलग कमरे में 14 दिन के लिए सारी जरूरी सुविधाओ के साथ एकांत रख दिया जाता है। 14 दिन बाद अगर उसकी रिपोर्ट नकारात्मक आती है तो उसे घर भर दिया जाता है और अगर रिपोर्ट सकारात्मक आती है तो उसे ईलाज के लिए #आइसोलेशन सेंटर में रख दिया जाता है.
*क्वॉराटाइन्स आप घर मे भी कर सकते है. देश मे इस समय हजारों लोगों ने अपने घरों में ही "होम क्वॉराटाइन्स" कर रखा है। "#होम_क्वॉराटाइन्स" के दिशा निर्देश केंद्र सरकार ने जारी किया है.*
आज आंदोलन/विरोध करने वाले लोगो में कई तकरीबन एक दर्जन लोगों से मैं मिला था और यकीन मानिए किसी को क्वॉराटाइन्स या आइसोलेशन के विषय मे कोई जानकारी नही थी. वो तो ये भी नही जानते थे कि इस इमारत में बनने क्या वाला है.
कोई कह रहा कि की इसे वाड़ा शिफ्ट कर दो तो कोई इसे जंगल में शिफ्ट करने की बात कर रहा था. कोई कह रहा था कि इसमें बाहर से मरीज लाये जाएंगे.
यानी किसी को 1% भी जानकारी नही सब के सब "कौवा कान ले गया" वाली कहानी के पात्र भर दे। बिना कुछ जाने "#चिल्लाने" लगें.
हां, कुछ लोगो ने इसमें *राजनीतिक रोटी भी सेक ली.
तो एक बात जान लीजिए* क्वॉराटाइन्स कक्ष आपके घर मे भी हो तो आपको खतरा नही है बशर्ते आप दिशा-निर्देशों का पालन करे। और यहाँ तो क्वॉराटाइन्स सेल एक अलग इमारत में बनाया जा रहा है.
इस क्वॉराटाइन्स सेल से स्थानीय लोगो को उतना ही खतरा है जितना चीन में बने *क्वॉराटाइन्स सेल* से.
तो सवाल *क्वॉराटाइन्स सेल* के दूर और पास का नही है बल्कि बरती जाने वाली सावधानियों का है.
और *जो लोग आपको #उकसा रहे है*,
*भड़का रहे है* *मेडिकल_साइंस का ज्ञान दे रहे है*
*ये वही लोग है जो जीवन मे कभी अपने घर मे चाय भी नही बनाये होते है लेकिन जब शादी में खाना बनता है तब हलवाई को नरम गुलाब जामुन बनाने का तरीका बताते है*
तो अफवाहों का नहीं खुद पर विश्वास करिये और
*मूर्खो की भीड़ का हिस्सा बनने के बजाय घर मे प्राणायाम करिये.
अमित तिवारी/भायंदर
मूर्खो_की_भीड़_का_हिस्सा_बनने के
बजाय
*घर मे प्राणायाम करिये*
आज जिस तरह से #मीरा_भाईंदर_में_अफवाहें_फैली तो लिखना जरूरी हो गया.
#क्वॉराटाइन्स और #आइसोलेशन अलग चीज है.
क्वॉराटाइन्स में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को एक अलग कमरे में 14 दिन के लिए सारी जरूरी सुविधाओ के साथ एकांत रख दिया जाता है। 14 दिन बाद अगर उसकी रिपोर्ट नकारात्मक आती है तो उसे घर भर दिया जाता है और अगर रिपोर्ट सकारात्मक आती है तो उसे ईलाज के लिए #आइसोलेशन सेंटर में रख दिया जाता है.
*क्वॉराटाइन्स आप घर मे भी कर सकते है. देश मे इस समय हजारों लोगों ने अपने घरों में ही "होम क्वॉराटाइन्स" कर रखा है। "#होम_क्वॉराटाइन्स" के दिशा निर्देश केंद्र सरकार ने जारी किया है.*
आज आंदोलन/विरोध करने वाले लोगो में कई तकरीबन एक दर्जन लोगों से मैं मिला था और यकीन मानिए किसी को क्वॉराटाइन्स या आइसोलेशन के विषय मे कोई जानकारी नही थी. वो तो ये भी नही जानते थे कि इस इमारत में बनने क्या वाला है.
कोई कह रहा कि की इसे वाड़ा शिफ्ट कर दो तो कोई इसे जंगल में शिफ्ट करने की बात कर रहा था. कोई कह रहा था कि इसमें बाहर से मरीज लाये जाएंगे.
यानी किसी को 1% भी जानकारी नही सब के सब "कौवा कान ले गया" वाली कहानी के पात्र भर दे। बिना कुछ जाने "#चिल्लाने" लगें.
हां, कुछ लोगो ने इसमें *राजनीतिक रोटी भी सेक ली.
तो एक बात जान लीजिए* क्वॉराटाइन्स कक्ष आपके घर मे भी हो तो आपको खतरा नही है बशर्ते आप दिशा-निर्देशों का पालन करे। और यहाँ तो क्वॉराटाइन्स सेल एक अलग इमारत में बनाया जा रहा है.
इस क्वॉराटाइन्स सेल से स्थानीय लोगो को उतना ही खतरा है जितना चीन में बने *क्वॉराटाइन्स सेल* से.
तो सवाल *क्वॉराटाइन्स सेल* के दूर और पास का नही है बल्कि बरती जाने वाली सावधानियों का है.
और *जो लोग आपको #उकसा रहे है*,
*भड़का रहे है* *मेडिकल_साइंस का ज्ञान दे रहे है*
*ये वही लोग है जो जीवन मे कभी अपने घर मे चाय भी नही बनाये होते है लेकिन जब शादी में खाना बनता है तब हलवाई को नरम गुलाब जामुन बनाने का तरीका बताते है*
तो अफवाहों का नहीं खुद पर विश्वास करिये और
*मूर्खो की भीड़ का हिस्सा बनने के बजाय घर मे प्राणायाम करिये.
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