शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण भी जरूरी - डॉ जया पारेख
दीपक आर जैन
मुंबई -जीवन में आगे बढ़ने के लिये सिर्फ शिक्षा ही नहीं मजबूत चरित्र निर्माण की भी उतनी ही आवश्यकता हैं. और इसमें में पूरी तरह से प्रयासरत हूँ. देश का हर विद्द्यार्थी होनहार हैं जरुरत हैं हम उसको पहचाने और उसी दिशा में आगे बढ़ने के लिये उसे प्रोत्साहित करे. उपरोक्त विचार प्रतिस्ठित शिक्षण संस्था राम रत्ना इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. जया पारेख ने व्यक्त किये.
पिछले 17 वर्षों से शिक्षा क्षेत्र से जुडी डॉ पारेख ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा की आज विद्द्याथी में ज्ञान लेने की क्षमता,सही समय पर उसका उपयोग होने की जानकारी,फैसला लेने की क्षमता,मिलकर पढ़ने के गुण,आत्मविश्वास आदि होना बहुत जरूरी हैं.उन्होंने कहा पहले हम हर पाठ को याद करते थे आज वह जरूरी नहीं हैं क्योंकि आज एक बटन दबाने पर सबकुछ मिल जाता हैं. इसलिए हमे कितना चाहिये,कब चाहिये और कैसे इसका उपयोग करना यह भी पता होना आवश्यक हैं.यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखी जा सकती हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पढ़ने के टैलेंट को बहुत महत्व दिया जाता हैं.विद्द्यार्थी के सामने कठिन परिस्थितियां रखे जो उनकी सोच कौशल को बढ़ाये. सकरे के साथ साथ बच्चे के चरित्र पर भी उतना ही ध्यान दे.विद्द्यार्थी के जीवन में हर शिक्षक रोल मॉडल हैं. हर विद्द्यार्थी बेस्ट हैं कमी हमारे पहचानने मैं हैं.आज बच्चों को समय और सही दिशा देना बहुत जरूरी हैं.उन्होंने कहा रावण महान ज्ञानी था परंतु सही दिशा में उसका उपयोग नहीं किया.अपनी असफलता से सीखे ना की हार बैठ जाएँ. जीवन में हार भी कभी जरूरी हैं. समाज ने आपको दिया उसके लिए हमेशा कुछ करने का प्रयास करों. स्कूल किस तरह के विद्द्यार्थियों का निर्माण कर रहा हैं इस पर ध्यान दे तथा बच्चों के शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ पालक मजबूत संबंध बनाये. डॉ पारेख की गतिविधियों बारे में भी विस्तार से बताया.
मुंबई -जीवन में आगे बढ़ने के लिये सिर्फ शिक्षा ही नहीं मजबूत चरित्र निर्माण की भी उतनी ही आवश्यकता हैं. और इसमें में पूरी तरह से प्रयासरत हूँ. देश का हर विद्द्यार्थी होनहार हैं जरुरत हैं हम उसको पहचाने और उसी दिशा में आगे बढ़ने के लिये उसे प्रोत्साहित करे. उपरोक्त विचार प्रतिस्ठित शिक्षण संस्था राम रत्ना इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. जया पारेख ने व्यक्त किये.
पिछले 17 वर्षों से शिक्षा क्षेत्र से जुडी डॉ पारेख ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा की आज विद्द्याथी में ज्ञान लेने की क्षमता,सही समय पर उसका उपयोग होने की जानकारी,फैसला लेने की क्षमता,मिलकर पढ़ने के गुण,आत्मविश्वास आदि होना बहुत जरूरी हैं.उन्होंने कहा पहले हम हर पाठ को याद करते थे आज वह जरूरी नहीं हैं क्योंकि आज एक बटन दबाने पर सबकुछ मिल जाता हैं. इसलिए हमे कितना चाहिये,कब चाहिये और कैसे इसका उपयोग करना यह भी पता होना आवश्यक हैं.यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखी जा सकती हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पढ़ने के टैलेंट को बहुत महत्व दिया जाता हैं.विद्द्यार्थी के सामने कठिन परिस्थितियां रखे जो उनकी सोच कौशल को बढ़ाये. सकरे के साथ साथ बच्चे के चरित्र पर भी उतना ही ध्यान दे.विद्द्यार्थी के जीवन में हर शिक्षक रोल मॉडल हैं. हर विद्द्यार्थी बेस्ट हैं कमी हमारे पहचानने मैं हैं.आज बच्चों को समय और सही दिशा देना बहुत जरूरी हैं.उन्होंने कहा रावण महान ज्ञानी था परंतु सही दिशा में उसका उपयोग नहीं किया.अपनी असफलता से सीखे ना की हार बैठ जाएँ. जीवन में हार भी कभी जरूरी हैं. समाज ने आपको दिया उसके लिए हमेशा कुछ करने का प्रयास करों. स्कूल किस तरह के विद्द्यार्थियों का निर्माण कर रहा हैं इस पर ध्यान दे तथा बच्चों के शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ पालक मजबूत संबंध बनाये. डॉ पारेख की गतिविधियों बारे में भी विस्तार से बताया.
U.s. Kamath
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School with difference , excellence , school where you can find Indian value, culture, best education standard, great environmen t, creativity in upbringing of children's with global standard. We are proud parents who has been associated with school since inception.
Sandeep Zade
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Ramratna Internatio nal School is a best school in Mumbai Suburbs. My son is studying here and currently in 2nd Grade. This school is well known for its great discipline, good extracurri cular activities special sport occasions.
Thank you for various good initiative s!.
Proudly feeling Parant.
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