नये साल में दूसरों के लिए भी कुछ करे - गणि राजेन्द्रविजयजी

दीपकआर.जैन / भायंदर  
उत्साह,उमंग और हौसलों के बिना जीवन सूना है.मौजमस्ती याधमाल के लम्हे कभी कभी अच्छे हैं. जीवन में डरे नहीं बल्कि हौसला रखे और उड़े और उड़ान वहीँ तक सही हैं जबतक जमीन दिखाई दे रही हैं. मुश्किलों को दूर रखने के लिए अपने उद्देश्यों को कभी दरकिनार ना होने दे. इससे लाइफ में कभी हताशा नहीं आयेगी. चेहरा चमकाना और ड्राइंग रूम चमकाना ही अजेंडा नहीं होना चाहिए. नए साल के आगमन की बधाई मौखिक,ईमेल,एसएमएस या उपहारों के आदान प्रदान तक ही सीमित ना रह जाये बल्कि समूचा जीवन उत्सवमय बन जाए. 
उपरोक्त विचार नववर्ष की पूर्व संध्या पर सुखी परिवार फाउंडेशन प्रणेता गणि राजेन्द्रविजयजी म.सा ने व्यक्त किये. उन्होंने कहा की कहा की हर लम्म्हा आनद और उल्हास से सरोबार हो. यह तभी होगा जब किसी दूरगामी ध्येय को पाने की ठाने होंगे और उसे हासिल करने के लिए अनेक दुष्कर परिस्थितियों से संघर्ष और कष्ट उठाने के लिए तत्पर होंगे. इसके साथ ही हम दूसरों के लिये भी कुछ करने का हम संकल्प ले. धर्म ध्यान करने के लिए व्यक्ति का स्वस्थ होना जरूरी हैं. हमारे खानपान का सिस्टम बनायें तो खुद स्वस्थ रहेंगे और दूसरों को भी स्वस्थ रहने की सलाह दे सकेंगे और स्वस्थ और सुखी समाज की रचना करने में बड़ी भूमिका निभा सकेंगे. 

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