9 अप्रेल को पुरी दुनिया होगी नवकारमय
जीतो का आयोजन
मुंबई :- नवकार मंत्र जैन धर्म का एक प्रमुख मंत्र है, जो जैन साधुओं और साध्वियों द्वारा ही नही बल्कि हर जैन व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन पाठ किया जाता है। यह मंत्र जैन धर्म के मूल सिद्धांतों को दर्शाता है और इसका महत्व बहुत अधिक है।
नवकार मंत्र का अर्थ "नमो अरिहंताणं, नमो सिद्धाणं, नमो आयरियाणं,नमो उवज्झायाणं, नमो लोए सव्व साहूणं,एसो पंच नमुक्कारो, सव्व पाव पणासणो,मंगला णं च सव्वेसिं, पढमं हवई मंगलं।"इसका अर्थ है,"मैं अरिहंतों,सिद्धों, आचार्यों, उपाध्यायों,सभी साधुओं और साध्वियों (जिन्होंने मोक्ष प्राप्त किया है) को नमन करता हूं।इस बात को दुनिया के हर कोने में पहुंचाने के उद्देश्य से जैनइं टरनेशनल जीतो ने 9 अप्रेल को विश्व नवकार दिवस मनाने का आव्हान किया हैं।
एपेक्स चैयरमेन पृथ्वीराज कोठारी,प्रेसिडेंट विजय भंडारी , सेकेट्री जनरल ललित डांगी ने बताया कि विश्व शांति के उद्देश्य से जीतो के 9 जॉन 75 चैप्टर एव विदेशों के सभी चैप्टर इसमें शामिल होंगे।जीतो ने समस्त जैनों को जाप हेतु रजिस्ट्रेशन करने का आवाहन किया है।
ज्ञात हो नवकार मंत्र का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह जैन धर्म के मूल सिद्धांतों को दर्शाता है। यह हमें तीर्थंकरों के सम्मान और उनकी शिक्षाओं की याद दिलाता है। इसका जाप करने से पापों का नाश होता हैं व हमें मंगलकारी फल प्राप्त होते हैं।नवकार मंत्र का पाठ करने से पहले अपने शरीर और मन को शुद्ध करें।
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