अनलॉक प्रक्रिया के तहत ' समारोह आयोजित करने की अनुमति मांगी

 ' मीरा- भायंदर डेकोरेटर्स एण्ड कैटरर्स वेलफेयर फाऊंडेशन की मांग

 सुभाष पांडेय 

भायंदर। मीरा-भायंदर डेकोरेटर्स एण्ड कैटरर्स वेलफेयर फाऊंडेशन  " (पंजीकृत ) संस्था के पदाधिकारियों ने मनपा-आयुक्त डॉ. विजय राठौड़, विधायक गीता भरत जैन विधायक प्रताप सरनाईक, महापौर ज्योत्सना हसनाळे, सांसद राजन विचारे समेत राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत सरकार, शासन-प्रशासन को पत्र देकर " व्यवसायिक वाडियों में मैदान की क्षमतानुसार अथवा कम-से-कम 250 व्यक्तियों की उपस्थिति में समारोह आयोजित करने की अनुमति देने के संदर्भ  पत्र दिया है। ऐसी जानकारी संस्था के कोषाअघ्यक्ष सतीश सज्जनकुमार बंका ने दी है। 

' बंका ने बताया कि, पिछले 22 मार्च 2020 से जब से कोविड-19 महामारी को लेकर ' लॉकडाऊन ' शुरू हुवा है तब से लेकर आज तक ' मंडप, डेकोरेटर्स एण्ड कैटरर्स 'का कामकाज ठप्प है। उन्होंने बताया कि, ' मीरा-भायंदर में कैटरर्स एवं डेकोरेटर्स ' लगभग 300 से अधिक हैं। इसी तरह लगभग 15,000 पंद्रह हजार से लेकर 20,000 बीस हज़ार से अधिक मजदूर-कामगार डेकोरेटर्स एवं कैटरर्स उक्त व्यवसाय से जुड़कर जीवनयापन करते हैं।  ' सतारा मंडप असोशिएशन ' के जिलासम्पर्क अध्यक्ष बापूराव करणे , अध्यक्ष राम हादगे, सचिव रमेश सालुंखे ने महाराष्ट्र-सरकार से मांग की है कि, सरकार ने लॉकडाऊन के तहत मार्च महीने से सभी कारोबारियों को ' साथरोग नियंत्रण अधिनियम ' के तहत ' मनाई-आदेश ' जारी किया था।   समय-समय पर सरकार द्वारा अतिआवश्यक चीजों एवं कामकाज के लिए  ' मनाई-आदेश ' में ढील देते रहे हैं। अब तो ' बस, रेलवे, प्लेन ' भी चल रहे हैं। सतारा मंडप असोसिएशन ने यहां तक मांग की है कि, सरकार ने उनके मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो शीघ्र ही राज्यव्यापी धरना-आंदोलन किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ ऐसे में ' मीरा-भायंदर में व्याप्त डेकोरेटर्स एवं कैटरर्स ' लॉकबंदी के समय परेशान हैं । मामला अब भूख, रोजी -रोटी से जुड़ा है। जिसे मनपा-प्रशासन को इस संदर्भ में ध्यान देना चाहिए।

बता दें कि, निवेदन-पत्र में साफ तौर पर लिखा है :- "  कोरोना की महामारी के कारण पिछले 7 माह से डेकोरेटर्स का काम पूर्णतयाः ठप्प है, जिसके कारण तकरीबन 15-20 हज़ार लोगों की रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है, इस व्यवसाय के जुड़े कामगार हतोत्साहित होकर ' डिप्रेशन ' के शिकार हो रहे हैं, ' वर्तमान व भविष्य की चिंता ' का भय उन्हें सता रहा है जिसके कारण उनके ' स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर ' पड़ रहा है और ' ह्रदयाघात के शिकार ' हो रहे हैं। सरकार भी मान रही है कि, अब इस बीमारी के साथ चलना होगा और अपने रोजमर्रा के कार्यों को प्रशासन व चिकित्सकों के दिशा-निर्देशों का पालन पूरा करना होगा। 

ज्ञात हो कि, उक्त संस्था ' मीरा-भायंदर डेकोरेटर्स एण्ड कैटरर्स वेलफेयर फाऊंडेशन ' के अध्यक्ष जगदेव नामदेव म्हात्रे ( शागिर्द डेकोरेटर्स ) हैं तथा अन्य पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष सुभाष किणी, सचिव पवन विनायक घरत, कोषाध्यक्ष सतीश सज्जनकुमार बंका, सलाहकार प्रमोद सावंत, राकेश शाह हैं। गौरतलब है कि, खबर लिखे जाने तक ' मीरा-भायंदर महानगरपालिका प्रशासन ' ने इस संदर्भ में अभी तक कोई पहल नहीं की है।

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