परमात्मा का सानिध्य प्राप्त होता हैं धर्मचक्र तप से

शांतिनाथ  जैन मंदिर में पंचान्हिका महोत्सव
दीपक आर.जैन 
मुंबई- दादर स्थित श्री शांतिनाथजी जैन मंदिर में श्री आगरतड श्री राजस्थान जैन देरासर ट्रस्ट में 82 दिवसीय धर्मचक्र तप की आराधना विधि विधान से चल रही हैं. इस तप में रिकॉर्डतोड़ संख्या में भाई बहन जुड़े व एक स्वर्णिम इतिहास बना. संघ में इसी तप की पूर्णाहुति के उपलक्ष में ऐतिहासिक पंचान्हिका (पांच दिन)के भव्य महोत्सव का आयोजन किया गया हैं. यह आयोजन आगमोद्धारक श्री आनदसागर सूरीस्वरजी म.सा. समुदाय के आचार्य श्री अपूर्वमंगलरत्न सूरीश्वरजी म.सा के कृपापात्र बंधू त्रिपुटी,सरल स्वभावी मुनि श्री आगमरत्न सागरजी,मुनि प्रशमरत्न सागरजी व प्रखर प्रवचनकार श्री वज्ररत्न सागरजी म.सा. व गाच्छादिपति केसरसुरिस्वरजी म.सा. समुदाय की साध्वी श्री श्रेयस्करश्रीजी व साध्वी श्री भाग्योदयश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में संपन्न होगा.
मुनि श्री वज्ररत्न सागरजी म.सा. ने बताया की 10 से 14 अक्टूबर तक चलनेवाले महोत्सव में विभिन्न महापुजनों के अलावा रात्रि भक्ति सहित अनेक आयोजन होंगे गांव सांझी व मेहंदी वितरण 10 अक्टूबर तथा तपस्वियों का पारणा 14 अक्टूबर होगा. धर्मचक्र तप क्यों? का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा की इस तप के प्रभाव से या तो अगले भव में तीर्थंकर पद की प्राप्ति होगी,अथवा परमात्मा का सानिध्य प्राप्त होता हैं. यश और कीर्ति नाम कर्म का उपार्जन सौभाग्य नाम का कर्म बांध,कर्म के चक्र को तोड़ने का अमोघ शास्त्र,ऐसा तप है धर्मचक्र.वज्रसागरजी ने कहा की श्री शांतिनाथ भगवान के काल से प्रारम्भ हुआ यह तप श्री शांतिनाथ दादा के सानिध्य में करनेवालों को इसका आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा. महोत्सव को लेकर जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं. ज्ञात हो बंधू त्रिपुटी म.सा. के चातुर्मास ने दादर जैन संघ ने स्वर्णिम इतिहास लिखे हैं.
कार्यक्रम के तहत लाभ विजयराज मुल्तानमल परमार (इटंदरा), बदामीबाई गजराज लोढ़ा व बदामबेन शिवराज लोढ़ा(नाडोल),मातुश्री पार्वतीबाई एच.परमार,मातुश्री लीलाबाई छ.परमार(सेवाड़ी),मातुश्री चम्पाबाई शाह (जवाली),सुखीबाई गुंदेशा(बिजोवा),सुमेरमल नैनगोता(नासोली),सरदारमल श्रीश्रीमाल(नाडोल),मातुश्री प्यारीबाई संचेती(पांचेटिया),मातुश्री शकुंतलाबाई कारसिया(लुणावा),मोहनलाल तेलीसरा श्रीमती फुलवंतीबाई लोढ़ा (नाडोल),श्रीमती मुनीबाई रांका(सादड़ी),मातुश्री नैनूबाई लोढ़ा (विठुड़ा),चन्दाबेन एल जैन(भिलड़ी ),बाबूलाल जैन(लाडनूं),सुखराज एम हरण(भीनमाल),कंचनबेन एस शोभावत (खिवांदी),पद्मादेवी जैन(पाली),सुखीदेवी नैनगोता,चंपाबाई खांटेड(खिंवाड़ा),तीजोबाई सियाल (गांव गुडा),सुखीबाई बोहरा(बूसी),फेंसीबाई राठोड (रानीगांव),प्रेमीबाई नैनगोता(भीनमाल),मणिबेन मांडलेशा(नाडोल),कन्याबाई कोठारी(लापोड़),परिवार हैं.भक्ति की धूम निखिल सोनीगरा,सरगम मंडल बेंगलुरु,प्रतीक गेमावत मचाएंगे.
आगरतड़ संघ के ट्रस्ट मंडल के विजयराज परमार,जयंतीलाल परमार,सुरेश परमार,प्रवीण गुंदेशा,वकतावरमल लोढ़ा,संपतराज बोहरा,सुरेश लोढ़ा,निर्मल संचेती,मोतीलाल शाह,जयंतीलाल गुंगलिया,धनराज सोलंकी ने लोगो से महोत्सव में आने की अपील की हैं.

    

   

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