पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान के लिए गैर-सरकारी प्रयत्नों की ज्यादा जरूरत: सुदर्शन भगत


आदिवासी उत्थान के लिये सुखी परिवार अभियान की चर्चा 
दीपक आर.जैन /मुंबई 
केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता के लिए आदिवासी जनजीवन का उत्थान जरूरी है.इसी से हिंसा, नक्सलवाद एवं आतंकवादी की समस्या से मुक्ति पायी जा सकती है.इसके लिए भगवान महावीर के अहिंसा, अनेकांत, विश्व शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द के सिद्धांतों को अपनाने की जरूरत हैं.इन सिद्धांतों को अपनाने से न केवल राष्ट्रीय बल्कि दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है.  
 श्री भगत ने आज अपने निवास पर सुखी परिवार अभियान के प्रणेता गणि राजेन्द्र विजय की सन्निधि में आयोजित संत समागम में उक्त उद्गार व्यक्त किए.उन्होंने आगे कहा कि गणि राजेन्द्र विजय के प्रयत्नों से गुजरात का आदिवासी जनजीवन हिंसा का रास्ता छोड़कर स्वउत्थान की ओर अग्रसर हुआ है, यह संपूर्ण राष्ट्र के लिए प्रेरणा की बात है.श्री भगत ने समागत संतजनों का शाॅल ओढ़ाकर सम्मान किया.इस
अवसर पर महामंडलेश्वर श्री शंकरानंद ने कहा कि आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान और उन्नयन के लिए सरकार के साथ-साथ गैर-सरकारी प्रयत्नों की ज्यादा जरूरत है.हिंसा, नशा, रूढ़िवादिता, अशिक्षा और अभाव से पीड़ित इन क्षेत्रों के लोगों के कल्याण के लिए विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. 
इस अवसर पर गणि राजेन्द्र विजय ने कहा कि देश को तरक्की की ओर अग्रसर करने के लिए समाज एवं राष्ट्र का नेतृत्व करने वाले लोगों से अपेक्षा की कि वे समाज को तोड़ने की बजाए जोड़ने के प्रयत्न करें.भारतीय लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए आदिवासी जन-जीवन के साथ सरकार का रवैया सकारात्मक होना चाहिए.   
इस अवसर पर सुखी परिवार फाउंडेशन के संयोजक श्री ललित गर्ग ने गणि राजेन्द्र विजयजी की पुस्तक ‘महावीर का समाजशास्त्र’ श्री भगत को भंेट की तो उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ और इसमें प्रकाशित सामग्री जन-जन को नैतिक और सदाचारी बनाने में अपनी भूमिका निभायेगा.श्री भगत ने जैन समाज के द्वारा किए जा रहे विविध जन कल्याणकारी कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आज समाज को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक सोच और रचनात्मक प्रवृत्तियों की अपेक्षा है। नैतिकता और चरित्र की स्थापना के बिना विकास की तमाम उपलब्धियां अधूरी हैं। सुख का वास्तविक आधार नैतिकता ही है. 


इस अवसर पर गुजरात से आये आदिवासी प्रतिनिधि मंडल ने कृषि मंत्री को अपनी समस्याये बतायी. इस अवसर पर  राहुल  फूलफगर, अजय अग्रवाल,  राहुल वत्स आदि ने अपने विचार व्यक्त किए. 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

श्रमण संघीय साधु साध्वियों की चातुर्मास सूची वर्ष 2024

पर्युषण महापर्व के प्रथम पांच कर्तव्य।

तपोवन विद्यालय की हिमांशी दुग्गर प्रथम