जीवन में गुरु का महत्व सबसे ज्यादा

जीवन में गुरु का महत्व सबसे ज्यादा
 बंबोरी पुरस्कार किशन म्हात्रे को 
भायंदर-कबीर दास जी ने सत्य ही कहा है गुरू बिन ज्ञान न उपजै, गुरू बिन मिलै न मोष.गुरू बिन लखै न सत्य को गुरू बिन मिटै न दोष.भारतीय संस्कृति में शिक्षकों का स्थान हमेशा ऊँचा रहा है और रहेगा. जीवन में सफलता की उचाईयों को पाने के लिए विद्द्यार्थी हमेशा अपने शिक्षक,शिक्षिकाओं की बातों को महत्व दे. उनका सही अनुसरण किया तो आपको सफलता से कोई नहीं रोक सकता.

उपरोक्त विचार मीरा-भायंदर के विधायक नरेंद्र मेहता ने व्यक्त किये. वे भायंदर(वेस्ट) में आयोजित अवर लेडी ऑफ़ वैलंकनी हाईस्कूल एंड जूनियर कॉलेज वे गुड शेपर्ड स्कूल के वार्षिकोत्सव में बोल रहे थे.कार्यक्रम की मुख्या अतिथि  मीरा-भायंदर महानगरपालिका की महापौर डिंपल मेहता ने भी पालकों का मार्गदर्शन किया. पूर्व महापौर व नगरसेविका गीता भरत जैन ने कहा हमारे भविष्य को उज्जवल बनाने में टीचर्स का योगदान सबसे अहम् होता हैं. उन्होंने कहा की बच्चा जब भी टीचर की शिकायत लेकर आये तो उसके सामने बहुत नार्मल रहिये और टीचर से बात करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दीजिये जिससे बच्चों को भी गलत प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और शिक्षक या शिक्षिका की गलती है तो उसके खिलाफ भी शिकायत करिये लेकिन दोनों तरफ की बातें सुनने के बाद.

वार्षिकोत्सव के मुख्य अतिथि समाजसेवी रमेश बंबोरी थे. इस अवसर पर भायंदर के पूर्व सरपंच किशन म्हात्रे को सामाजिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों के लिए मोहनराज डी.बंबोरी पुरस्कार तथा शिक्षा क्षेत्र में सेवाओं के लिए ज्योत्स्ना दास को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया गया.उपस्थित मेहमानों का स्वागत स्कूल की संचालिका निर्मला माखीजा ने किया.  कार्यक्रम का संचालन युथ फोरम के अध्यक्ष दीपक आर. जैन व मारिया गोम्स ने किया.कार्यक्रम को सफल बनाने में पिंकी सतसंगी,विवेक सतसंगी आदि ने मेहनत की.  विद्द्यार्थियों ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी.


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