भारत को जानो जैसी प्रतियोगिताएं जरुरी
मुंबई-भारत को जानो जैसी प्रतियोगिताएं समय की आवश्यकता हैं और ऐसी प्रतियोगिताएं होती रहनी चाहिए. भारत एक प्राचीन व विशाल देश हैं,जहाँ पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक भौगोलिक,ऐतिहासिक,सांस्कृतिक,राजनीतिक व सामाजिक विविधताएँ परीलक्षित होती है. सभी को आत्मसात करने की अद्भुत क्षमता भारतीय संस्कृति में रही हैं. भारत को जानो प्रतियोगिता से हमारी संस्कृति की वास्तविकताओं से अपने विद्द्यार्थियों अवगत होंगे तो देश को विश्व गुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता.
उपरोक्त विचार भारत विकास परिषद् द्वारा कांदिवली के तेरापंथ भवन में देशभर से आये बच्चों को पुरुस्कृत करते हुए विज्ञानं,प्रोधोगिकी व पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने व्यक्त किये.उन्होंने कहा राष्ट्रीय स्तर की की एवं अपने देश,संस्कृति,इतिहास,धर्म तथा आधुनिक भारत के सकारात्मक पक्ष की जानकारी देना बहुत अच्छा प्रयास हैं.अध्यक्षता संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम पारीक ने की..मेहमानों का स्वागत संस्था के प्रांत अध्यक्ष सीए लक्ष्मीनिवास जाजू ने किया. राष्ट्रीय संयोजक सीए माणक डागा व सह संयोजक रामलक्ष्मण नवलखा थे.
उपरोक्त विचार भारत विकास परिषद् द्वारा कांदिवली के तेरापंथ भवन में देशभर से आये बच्चों को पुरुस्कृत करते हुए विज्ञानं,प्रोधोगिकी व पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने व्यक्त किये.उन्होंने कहा राष्ट्रीय स्तर की की एवं अपने देश,संस्कृति,इतिहास,धर्म तथा आधुनिक भारत के सकारात्मक पक्ष की जानकारी देना बहुत अच्छा प्रयास हैं.अध्यक्षता संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम पारीक ने की..मेहमानों का स्वागत संस्था के प्रांत अध्यक्ष सीए लक्ष्मीनिवास जाजू ने किया. राष्ट्रीय संयोजक सीए माणक डागा व सह संयोजक रामलक्ष्मण नवलखा थे.
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