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अहिंसा है सुखी समाज का आधार -गणि राजेन्द्रविजयजी

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दीपक आर.जैन / भायंदर  हम सफल जीवन जी रहे हैं या असफल, सुखी हैं या दुःखी, आगे बढ़ रहे हैं या पीछे जा रहे हैं। यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि हम किस दृष्टि से देख रहे हैं या नाप रहे हैं? हम सफलता का मापदण्ड इस बात से तय करते हैं कि जीवन के प्रति क्या दृष्टिकोण अपनाया है। जिस चीज को हम अपना केन्द्र मानते हैं या धुरी बनाते हैं उसी के इर्द-गिर्द घूमते हैं। जिस दृष्टिकोण से जीवन का लक्ष्य बनाया है उसको पाने मंे जीवन की अधिकांश ऊर्जा लगाते हैं। सुख या दुःख वस्तु के संग्रह से नापा जायेगा. इस दृष्टिकोण से सुख-दुःख सापेक्षिक शब्द बन जाता है.किसी एक कार्य को करने में या कुछ उपलब्धियों को प्राप्त करने में एक व्यक्ति सुख की अनुभूति कर सकता है लेकिन दूसरा दुःख की.अतः यह व्यक्तिगत अनुभूति है और इसके निरपेक्ष मापदण्ड नहीं हो सकते.अतः जैसा एक व्यक्ति अपने लिए लक्ष्य तय करेगा वैसा ही उसका मापदण्ड होगा और उसी से सुख-दुःख, सफलता-असफलता तय करेगा व सुख-दुःख का आभास करेगा। वास्तविक या निरपेक्ष सुख और सुखी जीवन वस्तु आधारित नहीं है बल्कि सिद्धांत या मूल्य आधारित है और इस प्रकार का सुख सबके लिए समान अन

पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान के लिए गैर-सरकारी प्रयत्नों की ज्यादा जरूरत: सुदर्शन भगत

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आदिवासी उत्थान के लिये सुखी परिवार अभियान की चर्चा  दीपक आर.जैन /मुंबई  केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता के लिए आदिवासी जनजीवन का उत्थान जरूरी है.इसी से हिंसा, नक्सलवाद एवं आतंकवादी की समस्या से मुक्ति पायी जा सकती है.इसके लिए भगवान महावीर के अहिंसा, अनेकांत, विश्व शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द के सिद्धांतों को अपनाने की जरूरत हैं.इन सिद्धांतों को अपनाने से न केवल राष्ट्रीय बल्कि दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है.    श्री भगत ने आज अपने निवास पर सुखी परिवार अभियान के प्रणेता गणि राजेन्द्र विजय की सन्निधि में आयोजित संत समागम में उक्त उद्गार व्यक्त किए.उन्होंने आगे कहा कि गणि राजेन्द्र विजय के प्रयत्नों से गुजरात का आदिवासी जनजीवन हिंसा का रास्ता छोड़कर स्वउत्थान की ओर अग्रसर हुआ है, यह संपूर्ण राष्ट्र के लिए प्रेरणा की बात है.श्री भगत ने समागत संतजनों का शाॅल ओढ़ाकर सम्मान किया.इस अवसर पर महामंडलेश्वर श्री शंकरानंद ने कहा कि आदिवासी एवं पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान और उन्नयन के लिए सरकार के साथ-साथ गैर-सरकारी प्रयत्नों की

निम्बाडी पाडा का विकास करेगा लायंस क्लब ऑफ़ मेट्रो

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गांव को लिया दत्तक  मुंबई- लायंस इंटरनेशनल के तहत कार्यरत लायन डिस्ट्रिक्ट 323-A 3 के मार्गदर्शन में लायंस क्लब ऑफ़ मुंबई  मेट्रो आदिवासी पाडा का विकास कर वहां जरूरी साधन उपलब्ध करने का प्रयास करेगा.डिस्ट्रिक्ट के विभिन्न क्लबों ने 15 से ज्यादा आदिवासी पाड़ा विकास के लिये दत्तक लिए हैं.ज्ञात हो लायंस इंटरनेशनल का यह शताब्दी वर्ष चल रहा हैं जिसके तहत लायंस ज्यादा से ज्यादा जारीरतमंद लोगों तक पहुँचने का प्रयास कर रहा हैं. लायंस क्लब ऑफ़ मुंबई मेट्रो की अध्यक्षा लायन संतोष गोयल ने बताया वज्रेश्वरी के पास  की निम्बाडी पाडा में करीब 50 परिवार रहते हैं जिन्हें क्लब ने जरुरत की विभिन्न सामग्री जैसेखिलोने,अनाज,कपड़ें,चद्दरें,साडियां,ब्लैंकेट आदि उपलब्ध करवायें. चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमे 200 से ज्यादा लीग लाभान्वित हुए. क्लब की और से  स्वच्छ भारत अभियान के तहत 20 घरों में शौचालय बनाकर देने की योजना हैं. इस प्रोजेक्ट के संयोजक लायन रीजन-2 के चेयरमैन लायन अतुल गोयल हैं. डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लायन प्रशांत पाटिल ने क्लब के कार्य की सरहाना की. उन्होंने कहा ठाणे,पालघर के आदिवासी क्षेत

देश के शीर्ष आर्किटेक्ट कॉलेजों में होगा के एल. तिवारी कॉलेज

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राहुल ग्रुप का कार्यक्रम  दीपक आर.जैन  भायंदर-  घर को सूंदर बनाने में ही नहीं परंतु देश के विकास और उसे सूंदर बनाने में  आर्किटेक्ट की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका हैं. प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट देश को नयी दिशा देगा और इसमें आर्किटेक्ट बहुत अच्छी भूमिका निभा सकते हैं.आर्किटेक्ट को आनेवाले समय में अपार संभावनाएं हैं.  उपरोक्त विचार  काउंसिल ऑफ़ आर्किटेक्चर के उपाध्यक्ष विजय गर्ग ने  शहर की प्रतिष्ठित शिक्षण समूह राहुल एज्युकेशन  ग्रुप के  के.एल. तिवारी कॉलेज ऑफ़आर्किटेक्टचर की मुलाकात के दौरान व्यक्त किये, विद्द्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी उन्होंने दिए. गर्ग ने बताया की आर्किटेक्ट का प्रोफेशन ऐसा है जो लोगों के जीवन में खुशियां लाने का काम करता हैं. उन्होंने कहा की हम जो भी काम करते हैं उसके बीच आने के बाद व्यक्ति को शांति की अनुभूति होती हैं. उन्होंने कॉलेज के पहले साल के परफॉरमेंस की प्रशंसा की व कहा की ऐसे ही रहा तो आनेवाले समय में के.एल. तिवारी कॉलेज ऑफ़आर्किटेक्टचर देश के टॉप कॉलेजेस में होगा. उन्होंने बताया की पुरे देश में आज 70 हजार आर

सिरेमिक्स का उभरता कलाकार अनंत पंडित

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पारम्परिक कला विरासत को आगे बढ़ाता नन्हा अनंत दीपक आर जैन  भायंदर-आज के बच्चे जहां इंटरनेट और डिजिटल में व्यस्त रहते है तो दूसरी और नन्हा अनंत अपने दादा पद्मश्री ब्रह्मदेव पंडित से विरासत में मिली पारम्परिक कला को आगे बढ़ाने में पूरी रूचि दिखा रहा हैं . कहते हैं पूत के पांव पालने में ही मालूम पड जाते हैं की आगे चलकर वह क्या बनेगा और इसी बात को चरितार्थ किया हैं अनंत ने. वह भी अपने दादा की तरह मिट्टी को बर्तनों को आधुनिक रूप देने की कला में पारंगत हासिल करने की और अग्रसर हैं. भायंदर समीप उत्तन स्थित नामचीन श्री राम रत्ना इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा तीसरी का विद्द्यार्थी हैं. उसे बचपन से ही चित्रकला का शोक हैं और इसमें उसे अबतक कई पुरुस्कार मिल चुके हैं.चित्रलकला प्रतियोगिता में उसका चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ था लेकिन कुछ कारण की वजह से वह जा नही सका था.अनंत अब चित्रकला के साथ साथ विरासत में मिली मिट्टी की कला के प्रति भी रूचि लेने लगा हैं. वह अपने परिवार की तरह ही चाक पर मिट्टी के बर्तन बनाने लगा है.अनंत कहता हैं कि आनेवाले दस साल में वह अपनेआप को  सिरामिक आर्टिस्ट के रूप में देखना चाह