.पालीताणा महातीर्थ पर28 साल बाद हो रहे तपागच्छीय सम्मेलन की शुरुवात
समस्त जैन समाज की नजरे लगी है निर्णयों पर दीपक आर.जैन मुंबई-उत्साहपूर्ण वातावरण में पालीताणा की पवित्र भूमि पर ऐतिहासिक तपागच्छ के 18 समुदायों के श्रमणों के सम्मेलन का भव्य प्रारम्भ हुआ. समस्त समाज बड़ी आतुरता से 28 सालों के लंबे अंतराल बाद हो रहे इस आयोजन की बड़ी आतुरता से राह देख रहा था.इसमें 18 गच्छाधिपति सहित 75 आचार्य भगवंत व 500 से अधिक साधु साध्वीजी उपस्थित हैं. परम पूज्य तपगछधिपति आचार्य श्री प्रेमसूरिस्वरजी म.सा. की बहुत इच्छा थी इस सम्मेलन में निश्रा प्रदान करने की परंतु डॉक्टरों की अनुमति न होने वे इसमें नहीं गए लेकिन उन्होंने इसे अपना आशीर्वाद प्रदान किया हैं.भारत के संपूर्ण संघों की नजर इसमें आनेवाले निर्णयों पर टिकी हैं. सम्मलेन में साधु साध्वियों से संबंधित विविध मुद्दों पर चर्चा व निराकरण आदि दूसरे विषयों पर सर्व सम्मति से निर्णय हो रहे हैं. इस अवसर पर आणद जी कल्याणजी पेढ़ी के अध्यक्ष संवेगभाई शेठ ने भी जैन संघों की समस्याओं को हल करने हेतू गच्चधिपतियों व आचार्यों सहित गुरु भगवंतों से मार्गदर्शन करने की विनंती की हैं.8 दिनों तक चलनेवाले इस सम्मेलन में