पैरेंट्स के साथ 1378 नए सीए मेंबर्स ने लिए सर्टिफिकेट
कंवोकेशन सेरेमनी मानसरोवर स्थित दीप स्मृति ऑडिटोरियम में आईसीएआई का हुआ कार्यक्रम .
जयपुर :- सालों की मेहनत के बाद चार्टर्डअकाउंट बने नए सीए मेंबर्स अपने पैरेंट्स और भाई-बहनों के सर्टिफिकेट लेने पहुंचे। नए सदस्य अपने छोटे बच्चे को में लेकर अपना कन्दीकेशन हैट उन बच्चों को पहनाकर खुशी जाहिर करते दिखाई दिए। पैरेंट्स इस बात से खुश थे कि उनकी आंख मे बच्चों के साथ मिलकर देखा, वे आज उसे जी रहे हैं। मौका था मानसरोवर स्थित प स्मृति ऑडिटोरियम में आईसीएआई के समारोह का यहां 1378 नए सीए सदस्यों को सर्टिफिकेट दिए गए। इससे पहले जनवरी के कन्वोकेशन में 1395 और मई में 1447 मेंबर्स को सर्टिफिकेट मिले थे। इस मौके पर मुख्य अतिथि राजस्थान इनकम टैक्स की प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इरिना गर्ग थे। उन्होंने कहा की चार्टड अककॉउंटेंट देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं। इनके हस्ताक्षर की भूमिका महत्वपूर्ण है। उसपर सरकारी संस्थान तक विश्वास करते हैं। इनके साथ सेंट्रल काउंसिल मेसदस्य प्रकाश शर्मा व सीए रोहित रुवटिया सहित अन्य ने नए सदस्यों को सर्टिफिकेट दिए।कार्यक्रम का आयोजन द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने किया था।
बचपन से जो चॉकलेट खाती हूँ आज उसी का हिस्सा बनी
पहले प्रयास में सोए बनी निहारिका जैन अपने कन्वोकेशन का हिस्सा बनीं।उन्होंने कहा कि 11 वीं में कॉमर्स लेने के बाद सोचने लगी कि क्या बनुगी।तभी मैने सीए बनने का ठान लिया।फाउंडेशन में 21. इंटरमीडिएट में 37 व फाइनल में 25 वी एआईआर रेंक रही।रेंक का फायदा मुझे कैम्पस प्लेसमेंट में मिला।बचपन से जिस ब्रांड की चॉकलेट खाती आई हूँ आज उसी चॉकलेट कंपनी का हिस्सा बनी।
नाम के आगे सीए लिखने के सपने को खुली आंखों से लगी जीने
कन्वोकेशन का हिस्सा बने रामगढ़ शेखावाटी के बोले मेरे अंकल सीए हैं। उनके प्रोफेशन से प्रभावित होकर मैंने सीए बनने का फैसला लिया। शिवानी बधवाल भी यंहा पहुंची जिनकी सीए फाइनल में एआईआर रेंक 40 रही थी। गुरु ग्राम स्थित एक्सप्रेस कंपनी में मैनेजमेंट कंसल्टिंग के पद पर कार्यरत हैं। सीए बनने की खुशी जाहिर करते हुए बोली, हमेशा से अपने नाम केआगे सीए शब्द लगाने का ख्वाब देखा।आज उस सपने को जी रही हूं।
कंपनी में आर्टिकलशिप से सीखने के अधिक मौके
आर्टिकलशिप से जुड़े सवाल पर आयुष कटारिया बोले, सीए बनने की प्रक्रिया में जरूरी नहीं कि आप बड़ी या नामी फर्म में ट्रेनिंग करें। अक्सर स्टूडेंट्स बड़े फर्म में आर्टिकलशिप के लिए भागदौड़ करते हैं। छोटे या मध्यम दर्जे के संस्थान में काम करने में स्टूडेंट्स को सीखने के ज्यादा मौके मिलेंगे इन संस्थानों से स्टूडेंट्स ऑल राउंडर बनकर निकलेंगे। अन्सर्ट एण्ड यंग कम्पनी में कार्यरत हैँ।
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