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युथ फोरम का आरोग्य सेवा सप्ताह संपन्न

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दो हजार से ज्यादा बच्चे लाभान्वित  भायंदर -जीवन में सफल होना है तो सोच अच्छी और सकारात्मक होना बहुत जरूरी हैं क्योंकि जैसा हम सोचते हैं वैसा संदेश प्रकर्ति को जाता हैं और हम वैसा ही वापस पाते हैं. सकारात्मक सोच के साथ पढ़ाई करेंगे तो उस लक्ष्य को पाना आपके लिए बहुत आसान और निश्चित होगा. सोच स्वाभाव ही नहीं शरीर को भी बिगाड़ता हैं. उपरोक्त विचार रेकी प्रशिक्षक संतोष गोयल ने वीडीजे ग्रुप,सामाजिक सांस्कृतिक संगठन युथ फोरम  और लायंस क्लब ऑफ़ ठाकुर काम्प्लेक्स(केटीसी) की और से आरोग्य सेवा सप्ताह के तहत आयोजित अचीविंग सक्सेस एंड मेमरी  टेक्निक्स (सफलता पाने और याद रखने के नुस्खे) विषय पर सेमीनार में व्यक्त किये. पढाई के प्रति निराशात्मक दृष्टिकोण ना रखे.यह आपको अपने लक्ष्य में अनअपेक्षित सफलता दिलायेगा. निरंतर सकारात्मक सोच आपकी ऊर्जा बढ़ाएगी और अभ्यास के प्रति रूचि भी. एक सप्ताह  तक चले  कार्यक्रमों का उद्घाटन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टेड अकाउंटेंट वसई ब्रांच के उपाध्यक्ष सी.ए. नीतेश कोठारी ने किया.सेवा सप्ताह में वॉकहार्ड हॉस्पिटल के विशेषग्यो ने बेसिक लाइफ सपोर्ट पर ट्रेनिंग भी दी.सं

विश्व वंदनीय कल्पतरु श्री विजय राजेन्द्रसूरीश्वर्जी म.सा.

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जन्मदिन व पुण्यतिथि पर विशेष  प्रस्तुति-दीपक आर.जैन  परम पूज्य कलिकाल कल्पतरु आचार्य श्री विजय राजेंद्रसूरीस्वरजी म.सा. जिनशासन का वह कोहिनूर है जिसके बारे में जितना लिखा जाये कम हैं. सयम जीवन आपका बहुत ही कठोर रहा. आज दूर दूर से लोग आपकी एक झलक पाने के लिए देश-विदेश से मोहनखेड़ा आते हैं. यहाँ आनेवाला व्यक्ति रोता हुआ आता हैं और हस्ते हुए जाता हैं. ऐसे लाखो उदहारण आपको मिल जायेंगे. आपका जन्मदिन और पुण्यतिथि दोनों एक ही दिन आते हैं. आपका जन्म वि.सं. १८८३ पोष सूद ७, ३ दिसंबर १८२७ को ऋषभदासजी की धर्मपत्नी केशरबाई की कुक्षी से हुआ| आपका नाम रत्नराज रखा गया| आपके एक बड़े भाई माणिकचंदजी, दो बहने – प्रेमा,गंगा ही| माता-पिता के देहांत के बाद उनका मन घर में नहीं लग रहा था, उन्हीं दिनों भरतपुर में पू. प्रमोदसूरीजी पधारे| उनके व्याख्यान सुनकर एवं संसार की वास्तविकता समझ, संसार से विरक्ति हुई| संसार असार लगने लगा| इस प्रकार चिंतन में कुछ दिन बीते | वैराग्य अति दृढ़ होने लगा तो समय देखकर बड़े भाई मानिकचंद से अपनी भावना कही| पहले तो भाई माणिकचन्दजी ने मन किया, लेकिन आपकी दृढ़ता को द